आज के सामान्य ज्ञान में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र से सम्बन्धित महत्वपूर्ण वन लाइनर पढ़े – Read important one liner related to agriculture and allied sector in today’s general knowledge

आज के सामान्य ज्ञान में  कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र से सम्बन्धित महत्वपूर्ण वन लाइनर पढ़े – Read important one liner related to agriculture and allied sector in today’s general knowledge

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र

* भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि एवं उससे संबंधित प्रक्षेत्र का अंश है – 17.4 प्रतिशत (2016-17 में)

* राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय के 2014 के अनुमानानुसार, ग्रामीण परिवारों में कृषि में विनियोजित ग्रामीण परिवारों का प्रतिशत है 57.8%

* भारत में कृषि क्षेत्र श्रम शक्ति को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है – लगभग 60 प्रतिशत

* विशेष कृषि एवं ग्राम उद्योग योजना का मुख्य उद्देश्य है -कृषि निर्यात का संवर्धन

* उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक प्रतिशत कर्मचारी नियोजित हैं। -कृषि क्षेत्र में

* भारत के श्रमिक बल में प्रायः अपने जीवनयापन के लिए वर्तमान में कृषि पर निर्भर हैं- लगभग 60 प्रतिशत

* विकास का भारतीय मॉडल सुरक्षा करता है – व्यक्ति और राज्य दोनों के हितों का

* आर्थिक नियोजन के युग के आरंभ से भारत की सकल राष्ट्रीय आय में कृषि का हिस्सा -निरंतर कम होता रहा है

* जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री चरण सिंह तथा अबुल कलाम आजाद में से भारत में सहकारी कृषि के विचार का समर्थक नहीं था-चरण सिंह

* जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, भूमि जोतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण, काश्तकारी सुधार तथा बहुफसलीय योजना में से भारत में भूमि सुधार का हिस्सा नहीं है —बहुफसलीय योजना

* सोयाबीन खेती के अंतर्गत क्षेत्र सर्वाधिक है- मध्य प्रदेश में

* तंबाकू, कपास, सोयाबीन तथा रबर में से एक नकदी फसल नहीं है-सोयाबीन

* कपास का प्रति हेक्टेयर उत्पादन (2017) विश्व में सर्वाधिक है – ऑस्ट्रेलिया में

* गेहूं की सिंचाई हेतु अति क्रांतिक अवस्था है -ताज निकलने की अवस्था

* देश में गेहू उत्पादन की दृष्टि से राज्यों का अवरोही क्रम है। — उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा पंजाब

* भारत में फसल बीमा योजना का शुभारंभ हुआ – 1985 में

* व्यापक फसल बीमा योजना के स्थान पर राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू की गई- वर्ष 1999 में

* राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को खरीफ फसल पर भी लागू किया गया – बजट 2004-05 में

उत्तर प्रदेश में किसान बही योजना लागू की गई थी – वर्ष 1992 में

* कमांड क्षेत्र विकास कार्यक्रम 1974-75 में शुरू किया गया था -जल उपयोग दक्षता विकास के लिए

* हैंड बुक ऑफ एग्रीकल्चर प्रकाशित होती है – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से

* उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद स्थित है – लखनऊ में

* आठवीं योजना के अंतर्गत योजना आयोग ने भारत को कृषि जलवायु प्रदेशों में विभक्त किया था, वह संख्या है -15

* राष्ट्रीय हॉर्टीकल्चर मिशन आरंभ किया गया था – 5 मई, 2005 से (दसवीं पंचवर्षीय योजना में)

* राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एन.एच.एम.) से आच्छादित है। – पूर्वोत्तर व हिमालयी राज्यों (हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तथा उत्तराखंड) सहित देशभर के
18 राज्य और 4 केंद्रशासित प्रदेश (अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप, पुडुचेरी तथा दादरा और नगर हवेली)

* ‘राष्ट्रीय बागवानी मिशन’ का उद्देश्य है – बागवानी क्षेत्र में ऊंची संवृद्धि प्राप्त करना, शस्योत्तर व्यवस्था करना तथा मानव संसाधन विकास करना

* 1 जुलाई, 2001 से प्रारंभ कृषि श्रमिक सामाजिक सुरक्षा योजना उपलब्ध कराती है – पेंशन तथा बीमा लाभ

* ‘लघु कृषक विकास योजना आरंभ की गई- वर्ष 1971 से

* गन्ने की उचित एवं लाभप्रद कीमत (FRP) को अनुमोदित करता/करती – आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति

* वर्ष 1997-98 के बाद से न्यूनतम समर्थन मूल्य के संदर्भ में सत्य है – न्यूनतम समर्थन मूल्य > C2 लागतें

* ‘कृषि लागत और कीमत आयोग (CACP) वर्तमान में MSP के अंतर्गत घोषणा करता है – कुल 23 फसलों के मूल्यों की

*’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन प्रारंभ हुआ था- वर्ष 2007-08

* अक्टूबर, 2007 में प्रारंभ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एन.एफ.एस.एम.)का उद्देश्य है -धान, गेहूं और दलहन के उत्पादन में बढ़ोत्तरी, मृदा उत्पादकता और उर्वरता का संरक्षण तथा खेत के स्तर पर आर्थिक लाभ को बढ़ाना, ताकि किसानों में आत्मविश्वास पैदा हो सके

* राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत फसलें सम्मिलित हैं -चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज व वाणिज्यिक फसलें

* भारत में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन प्रभावी हुआ – वर्ष 2007-08 की रबी फसल से

* भारत में फसलों की बुआई के अंतर्गत शुद्ध क्षेत्रफल है, लगभग – 14.01 करोड़ हेक्टेयर

* भारतीय कृषि उत्पादन ने ऋणात्मक वृद्धि दर्शाई है – 2004-05 (-1.6% ), 2009-10 ( -4.0%). 2012-13 (−2.0%) तथा वर्ष 2014-15 (-0.2% ) में

* वह पंचवर्षीय योजना जिसमें कृषि ने ऋणात्मक विकास प्रदर्शित किया – तीसरी पंचवर्षीय योजना में

* भारत की औसत फसल गहनता है, लगभग -139%

* ‘नीली क्रांति’ संबंधित है – मत्स्य उत्पादन से

* पीत क्रांति या ‘पीली क्रांति’ संबंधित है – तोरिया-सरसों उत्पादन से ( तिलहन )

* विश्व में ‘हरित क्रांति के जनक’ हैं – नॉर्मन ई. बोरलॉग

* भारतीय ‘हरित क्रांति की जन्मस्थली है- पंतनगर

* सार्वजनिक वितरण प्रणाली से वितरित अनाज पर कीमत बढ़ाने का उद्देश्य है – इस योजना में निहित उपादान का भार कम हो सके

* ऑपरेशन फ्लड का संबंध है। – दुग्ध उत्पादन से

* ऑपरेशन फ्लङ-II का संबंध है – दुग्ध आपूर्ति से

* 1950-90 की अवधि में भारत में खाद्यान्नों का उत्पादन बढ़कर तीन गुने से अधिक हो गया है, फिर भी सही अर्थ में आत्मनिर्भरता, जिसका तात्पर्य है भूख से मुक्ति, नहीं प्राप्त की जा सकी है। इसके कारण हैं – हरित क्रांति का देश के छोटे-छोटे खंडों तक ही सीमित रहना, गरीबों की कमाई की तुलना में खाद्य के भाव का बहुत अधिक होना तथा मोटे अनाजों की तुलना में गेहूं और धान पर अत्यधिक बल देना

* हरित क्रांति से भारत के सर्वाधिक लाभांवित राज्य हैं – पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश

* प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रस्तावित द्वितीय हरित क्रांति में सम्मिलित हैं – भारतीय कृषकों को सार्वभौमिक (ग्लोबल) कृषि व्यापार में सहभागिता, फसल पश्चात खाद्यान्न में क्षति को कम से कम करना तथा फसलों के भंडारण में सुधार

*कृषि करने की वह प्रक्रिया जो पर्यावरण संरक्षण में सहायक है – जैविक खेती


* कथन ( A ) : भारत में खाद्यान्न उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भरता प्राप्त हो गई है ।
कारण ( R ) : अब भारत थोक मात्रा में खाद्यान्न का आयात नहीं करता – ( A ) तथा ( R ) दोनों सही हैं तथा ( R ) , ( A ) की सही व्याख्या करता है ।है ।

* भारत में मुख्य कृषि पदार्थ आयात मद है – खाने योग्य तेल

* निर्यात हेतु आम की पसंदीदा प्रजाति है – अलफांजो

* भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ ( एनएएफईडी ) संबंधित -कृषि विपणन से

* राष्ट्रीय स्तर पर कृषि विपणन सहकारिताओं का शीर्ष संगठन है । –नेफेड ( NAFED )

* ‘ गहन कदन्न संवर्धन के माध्यम से पोषण सुरक्षा हेतु पहल ‘ ( Initiative for Nutritional Security Through Intensive Millets Promotion ) का उद्देश्य है – उन्नत उत्पादन और कटाई – उपरांत प्रौद्योगिकियों को निदर्शित करना एवं समूह उपागम ( कलस्टर अप्रोच ) के साथ एकीकृत रीति से मूल्यवर्धन तकनीकों को निदर्शित करना

* भारत में कृषि उत्पादों के बाजार को विनियमित किया जाता है – राज्यों द्वारा अधिनियमित कृषि उत्पाद विपणन समिति अधिनियम से

* संघ सरकार के 2011-12 के बजट में किसानों के लिए बैंक ऋण के समयानुसार भुगतान पर प्रभावी ब्याज दर है । – 4 प्रतिशत

* किसी फार्म के चल लागत पूंजी में बीज , उर्वरक , सिंचाई जल तथा भूमि – राजस्व में से एक शामिल नहीं है – भूमि राजस्व

* कृषि वित्त के प्रमुख सिद्धांत हैं – उद्देश्य , व्यक्ति , उत्पादकता नियोजन तथा संगठन आदि ।

* भारत में कृषि वित्त के स्रोतों को बांटा जाता है -दो वर्गों में ( A ) संस्थागत स्रोत- ( i ) सहकारी समितियां एवं बैंक , ( ii ) व्यापारिक बैंक , ( iii ) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक , ( iv ) सरकार ( B ) गैर – संस्थागत स्रोत – महाजन तथा साहूकार संबंधी और रिश्तेदार , व्यापारी , जमींदार , आढ़तिए आदि ।

* किसानों को उनकी अल्पावधि और दीर्घावधि आवश्यकताओं के लिए अनेक स्रोतों से ऋण प्रदान किया जाता है । किसानों को मिलने वाले ऋण के मुख्य स्रोतों में सम्मिलित हैं – प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां , व्यावसायिक बैंक , क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और गैर – सरकारी उधारदाता

* दीर्घकालीन कृषि ऋण प्रदान किया जाता है – भूमि विकास बैंक द्वारा

* हाल के वर्षों में भारत में कृषि वित्त का सबसे बड़ा स्रोत रहा -वाणिज्यिक बैंक


Agriculture and allied sectors

 

* The share of agriculture and related sectors in India’s gross domestic product is – 17.4 percent (in 2016-17)

 

* According to the 2014 estimate of the National Sample Survey Office, the percentage of rural households employed in agriculture is 57.8%.

 

* The agriculture sector in India provides direct employment to the labor force – about 60 percent.

 

* The main objective of the Special Agriculture and Village Industries Scheme is – Promotion of agricultural exports.

 

* Highest percentage of employees are employed in Uttar Pradesh. -In agriculture sector

 

* Most of India’s labor force currently depends on agriculture for their livelihood – about 60 percent.

 

* The Indian model of development protects the interests of both the individual and the state.

 

* Since the beginning of the era of economic planning, the share of agriculture in India’s gross national income has been continuously decreasing.

 

* Among Jawaharlal Nehru, Lal Bahadur Shastri, Charan Singh and Abul Kalam Azad, Charan Singh was not a supporter of the idea of cooperative agriculture in India.

 

* Abolition of Zamindari system, determination of maximum limit of land holdings, tenure reform and multi-cropping plan are not part of land reforms in India – Multi-cropping plan

 

* The area under soybean cultivation is highest in Madhya Pradesh.

 

* Among tobacco, cotton, soybean and rubber, one is not a cash crop – soybean.

 

* The per hectare production of cotton (2017) is the highest in the world – in Australia.

 

* The most critical stage for irrigation of wheat is the stage of crown emergence.

 

* There is a descending order of states in terms of wheat production in the country. –Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and Punjab

 

* Crop insurance scheme was launched in India – in 1985

 

* National Agricultural Insurance Scheme was implemented in place of Comprehensive Crop Insurance Scheme – in the year 1999.

 

* National Agricultural Insurance Scheme was also implemented on Kharif crop – in Budget 2004-05.

 

Kisan Bahi Scheme was implemented in Uttar Pradesh – in the year 1992

 

* Command Area Development Program was started in 1974-75 -for water use efficiency development

 

* Handbook of Agriculture is published – from Indian Council of Agricultural Research

 

*U.P. Agricultural Research Council is located in – Lucknow

 

* Under the Eighth Plan, the Planning Commission had divided India into agro-climatic regions, that number is -15.

 

* National Horticulture Mission was started – from 5 May, 2005 (in the Tenth Five Year Plan)

 

* Covered by National Horticulture Mission (NHM). – Across the country including the North-East and Himalayan states (Himachal Pradesh, Jammu-Kashmir and Uttarakhand)

18 states and 4 union territories (Andaman and Nicobar Islands, Lakshadweep, Puducherry and Dadra and Nagar Haveli)

 

* The objective of ‘National Horticulture Mission’ is to achieve high growth in horticulture sector, post-harvest management and human resource development.

 

* Agricultural Workers Social Security Scheme, started from July 1, 2001, provides – pension and insurance benefits.

 

* ‘Small Farmers Development Scheme’ was started – from the year 1971

 

* Approves Fair and Remunerative Price (FRP) of sugarcane – Cabinet Committee on Economic Affairs

 

*True in the context of MSP since 1997-98 – MSP > C2 costs

 

* ‘Commission for Agricultural Costs and Prices (CACP) currently announces the prices of a total of 23 crops under MSP.

 

*’National Food Security Mission was started in- year 2007-08

 

* The objective of the National Food Security Mission (NFSM), launched in October, 2007, is to increase the production of paddy, wheat and pulses, conserve soil productivity and fertility and increase economic benefits at the farm level. So that confidence can be created among the farmers

 

* Crops included under National Food Security Mission – rice, wheat, pulses, coarse grains and commercial crops.

 

* National Food Security Mission came into effect in India – from Rabi crop of year 2007-08.

 

* The net area under sowing of crops in India is approximately – 14.01 crore hectares.

 

* Indian agricultural production has shown negative growth – 2004-05 (-1.6%), 2009-10 (-4.0%). In 2012-13 (-2.0%) and 2014-15 (-0.2%)

 

* The five year plan in which agriculture showed negative growth – in the third five year plan

 

* India’s average cropping intensity is approximately -139%

 

* ‘Blue Revolution’ is related to – Fish production

 

* Yellow Revolution or ‘Yellow Revolution’ is related to rape-mustard production (oilseeds).

 

* ‘Father of Green Revolution’ in the world – Norman E. Borlaug

 

* Birthplace of Indian ‘Green Revolution’ is- Pantnagar

 

* The objective of increasing the price on grains distributed through the public distribution system is to reduce the burden of material contained in this scheme.

 

*Regards Operation Flood. – from milk production

 

* Operation Flang-II is related to milk supply.

 

* The production of food grains in India has more than tripled in the period 1950-90, yet true self-reliance, which means freedom from hunger, has not been achieved. The reasons for this are – Green Revolution being limited to small sections of the country, food prices being much higher than the earnings of the poor and excessive emphasis on wheat and paddy as compared to coarse grains.

 

* The states of India most benefited from the Green Revolution are – Punjab, Haryana and Western Uttar Pradesh.

* The Second Green Revolution proposed by the Prime Minister includes – participation of Indian farmers in global agricultural trade, minimizing post-harvest losses in food grains and improving storage of crops.

*The process of farming which is helpful in environmental protection – Organic farming.

 

 

* Statement (A): India has almost achieved self-sufficiency in food grain production.

Reason (R): Now India does not import food grains in bulk. Both (A) and (R) are correct and (R) is the correct explanation of (A).

 

* The main agricultural import item in India is edible oil.

 

* The preferred variety of mango for export is – Alphonso.

 

* National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India (NAFED) related to agricultural marketing.

 

* It is the apex organization of agricultural marketing cooperatives at the national level. –NAFED

 

* The objective of ‘Initiative for Nutritional Security Through Intensive Millets Promotion’ is to demonstrate improved production and post-harvest technologies and value addition in an integrated manner with cluster approach. modeling techniques

 

* Market of agricultural products in India is regulated by – Agricultural Products Marketing Committee Act enacted by the states.

 

* The Union Government’s Budget 2011-12 has an effective interest rate for farmers on timely repayment of bank loans. – 4 percent

 

* The floating cost capital of a farm does not include seeds, fertilizers, irrigation water and land revenue. One of these is land revenue.

 

* The main principles of agricultural finance are – objectives, people, productivity planning and organization etc.

 

* Sources of agricultural finance in India are divided into two categories – (A) Institutional sources – (i) Co-operative societies and banks, (ii) Commercial banks, (iii) Regional rural banks, (iv) Government (B) Non-government – Institutional sources – Moneylenders and moneylenders and relatives, traders, landlords, middlemen etc.

 

* Farmers are provided loans from many sources for their short term and long term needs. The main sources of credit available to farmers include primary agricultural cooperative societies, commercial banks, regional rural banks and non-government lenders.

 

* Long term agricultural loan is provided by – Land Development Bank.

 

* Commercial banks have been the largest source of agricultural finance in India in recent years.