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राष्ट्रीय आय एवं आर्थिक विकास
* किसी देश की आर्थिक संवृद्धि का सबसे उपयुक्त मापदंड है – प्रति व्यक्ति वास्तविक आय
* किसी देश में जीवन स्तर प्रतिबिबिंत होता है – प्रति व्यक्ति आय से
* सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP ) है – राष्ट्रीय उत्पाद का मूल्य मापन
* किसी दी गई अवधि के लिए एक देश की राष्ट्रीय आय – किसी अर्थव्यवस्था में एक विशेष समय अवधि में उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्य के बराबर होगी
* कथन (A) : आर्थिक विकास के लिए एक बहुआयामी उपागम की आवश्यकता होती है।
*कारण (R) : वर्तमान भारत सरकार मुख्यतः सूक्ष्म आर्थिक विषयों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
– (A) सही है, किंतु (R) गलत है।
* मिश्रित अर्थव्यवस्था का अर्थ है -जहां राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र भी विद्यमान हो
* भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख लक्षण है- मिश्रित अर्थव्यवस्था
* भारत में नियोजित अर्थव्यवस्था आधारित है – मिश्रित अर्थव्यवस्था पर
* यह सत्य होगा कि भारत को परिभाषित किया जाए – एक श्रम आधिक्य वाली अर्थव्यवस्था के रूप में
* भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषता है – कृषि की प्रधानता, न्यून प्रति व्यक्ति आय तथा वृहद बेरोजगारी
* देश की वृद्धि में अनार्थिक तत्व है – सामाजिक घटक, धार्मिक घटक, राजनीतिक घटक, अंतरराष्ट्रीय घटक तथा वैज्ञानिक घटक आदि।
* 1951-52 से 2015-16 की अवधि में स्थिर कीमतों पर भारत की प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर सर्वाधिक रही – वर्ष 2007-08 में
* भारतीय अर्थव्यवस्था ने सर्वाधिक संवृद्धि दर प्राप्त की है – वर्ष 2006-07 में ( 9.6% )
* वर्ष 2015-16 में प्रति व्यक्ति आय के आधार पर राज्यों का अवरोही क्रम है – महाराष्ट्र > गुजरात > पंजाब > उत्तर प्रदेश
* वर्ष 2015-16 में गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु राज्यों का उनके प्रति व्यक्ति निवल राज्य घरेलू उत्पाद (Per Capita Net State
Domestic Product) के संदर्भ में अवरोही क्रम (Descending Order) है – महाराष्ट्र > कर्नाटक > गुजरात > तमिलनाडु
* वर्तमान में भारत के राज्यों में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है – बिहार की
* वर्तमान में भारतीय राज्यों में औसत प्रति व्यक्ति आय सर्वाधिक है – गोवा की
* वर्तमान में कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, गुजरात तथा हरियाणा में से औसत प्रति व्यक्ति आय सर्वाधिक है – हरियाणा की
* कथन (A) : यद्यपि 1947 के बाद की अवधि में भारत की राष्ट्रीय आय कई गुना बढ़ गई है, परंतु प्रति व्यक्ति आय स्तर में कोई सुदृष्ट सुधार नहीं हुआ है।
कारण (R): भारत की जनता का काफी बड़ा भाग अब भी गरीबी की रेखा के नीचे रह रहा है। —(A) गलत है, परंतु (R) सही है।
* भारत में ग्रामीण आय प्राय: नगरीय आय से कम है। इसके लिए कारण जिम्मेदार हैं -किसानों की निरक्षरता, वैज्ञानिक कृषि का नगण्य ज्ञान, विनिर्मित उत्पादों की तुलना में प्राथमिक उत्पादों का कम मूल्य तथा उद्योगों की तुलना में कृषि में कम निवेश
* भारत में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि की दर धीमी है। इसका मुख्य कारण है- उच्च पूंजी उत्पाद अनुपात,जनसंख्या वृद्धि की ऊंची दर आदि
* उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय की निम्नता के कारणों में शामिल हैं-तेजी से बढ़ती जनसंख्या, साहसीपन का अभाव तथा अपर्याप्त अधोः संरचनात्मक सुविधाएं आदि
* किसी देश में आर्थिक संवृद्धि अनिवार्य रूप से होगी, यदि उस देश में होता है -पूंजी निर्माण
* भारत में बचत और पूंजी निर्माण की ऊंची दर होते हुए भी संवृद्धि दर कम होने का कारण है – पूंजी-उत्पाद अनुपात का अधिक होना
* श्रम की न्यून कार्यक्षमता, प्रति व्यक्ति कम आय, पूंजी निर्माण की न्यून दर और प्राकृतिक संसाधनों की कमी में से एक लक्षण भारतीय अर्थव्यवस्था का नहीं है – प्राकृतिक संसाधनों की कमी
* वित्तीय वर्ष 2017-18 में भारतीय आर्थिक संवृद्धि दर है, लगभग – 6.5 प्रतिशत
* अगस्त, 2018 तक उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 20182019 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर है – 7.4 प्रतिशत
* भारत के प्रति व्यक्ति वास्तविक आय (Per Capita Income) में धीमी वृद्धि के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी रहे – जनसंख्या में तेज वृद्धि,मूल्यों में भारी वृद्धि के साथ ही कृषि तथा औद्योगिक क्षेत्रों के विकास में धीमी गति
* एक खुली अर्थव्यवस्था में अर्थव्यवस्था की राष्ट्रीय आय (Y) है-C+I+G+(X-M)
* रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अगस्त, 2018 की मौद्रिक नीति के अनुसार, 2018-19 में विकास दर संभावित है – 7.4 प्रतिशत
* एशियाई विकास रिपोर्ट- 2018 के अनुसार, वर्ष 2017 में भारत की संवृद्धि दर थी – 6.6 प्रतिशत
*यदि एक दी हुई समयावधि में कीमतें तथा मौद्रिक आय दोनों दुगुनी हो जाएं, तो वास्तविक आय – अपरिवर्तित रहेगी
*वर्तमान मूल्यों (Current Prices) पर प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) की वृद्धि दर (Growth Rate) स्थिर मूल्यों (Constant Prices) पर प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर से अपेक्षाकृत अधिक है, क्योंकि स्थिर मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर में ध्यान रखा जाता है – मुद्रास्फीति की वृद्धि दर का
* 1867-68 ई. में भारत में प्रति व्यक्ति आय 20 रुपये थी, यह सर्वप्रथम अभिनिश्चित किया- दादाभाई नौरोजी ने
* भारत की राष्ट्रीय आय का प्रथम मापन किया गया – दादाभाई नौरोजी द्वारा
* वर्ष 1949 में भारत सरकार द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय आय समिति के अध्यक्ष थे – पी.सी. महालनोबिस
* भारत में राष्ट्रीय आय समंकों का आकलन किया जाता है – केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन (CSO) द्वारा
* भारत में पूंजी निर्माण के आंकड़े एकत्रित करने का काम करता है – भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन
* नई जी.डी.पी. आंकड़ों में आधार वर्ष 2004-05 के स्थान पर बदलकर कर दिया गया है। – वर्ष 2011-2012
* इस समय (2015 से) भारत की राष्ट्रीय आय के अनुमान हेतु आधार वर्ष के रूप में प्रयुक्त हो रहा है – वर्ष 2011-12
* भारत का आर्थिक सर्वेक्षण, प्रत्येक वर्ष सरकारी तौर पर प्रकाशित किया जाता है- -भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा
* सैद्धांतिक रूप से यदि आर्थिक विकास की कल्पना की जाती है, तो ध्यान में रखा जाता है -सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि, सकल राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि तथा प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि
* भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए घरेलू बचत (सकल) की औसत दर वर्तमान में आकलित की गई है – 30 से 40 प्रतिशत के पास
* वर्ष 2015-16 में भारत की सकल घरेलू बचत दर – 32.3 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद का
* भारत में घरेलू बचतों में सर्वाधिक हिस्सा है -घरेलू क्षेत्र
* भारत में बचत में सर्वाधिक योगदान करता है-भौतिक परिसंपत्तियों का
भारत में निम्नलिखित चार प्रमुख क्षेत्रों से बचत का उदय होता है भारत में सकल घरेलू बचत में 1. गृहस्थ 2. निजी निगम क्षेत्र, 3. सार्वजनिक निगम एवं अन्य लोक उपक्रम तथा 4. सरकार क्षेत्रों के योगदान का अवरोही क्रम है। -गृहस्थ क्षेत्र, निजी निगम क्षेत्र तथा सार्वजनिक निगम/लोक उपक्रम एवं सरकारी क्षेत्र
* भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में अमर्त्य सेन के सुझावों से संबंधित निम्नांकित कथन है –इसे जन- उन्मुख होना चाहिए, सबसे अधिक निर्धन व्यक्ति की आर्थिक सुरक्षा होनी चाहिए. विश्व अर्थव्यवस्था में इनके एकीकरण के साथ राष्ट्रीय बचाव होना चाहिए।
*यह विचार कि ‘’ भविष्य में भारतीय नियोजन में वस्तुओं से अधिक ध्यान व्यक्तियों पर देना चाहिए” व्यक्त किया गया था – अमर्त्य सेन द्वारा
* हिंदू वृद्धि दर संबंधित है – राष्ट्रीय आय से
*अवस्फीति के साथ, स्फीति के साथ स्टैगफ्लेशन के साथ तथा अतिस्फीति के साथ में से आर्थिक विकास सामान्यतया युग्मित होता है – स्फीति के साथ
* GNP (सकल राष्ट्रीय उत्पाद) में श्रम की भागीदारी कम होने का कारण – कीमतों की तुलना में मजदूरी का कम होना है
* सही सुमेलित हैं:–
आर्थिक विकास – संरचनात्मक परिवर्तन
आर्थिक वृद्धि -सकल घरेलू उत्पाद
संपोषित विकास पर्यावरण
जीवन की गुणवत्ता- स्वास्थ्य
* भारत की अर्थव्यवस्था है – विकासशील
* भारतीय अर्थव्यवस्था वर्णित की जा सकती है -एक विकासशील अर्थव्यवस्था
* सत्य कथन है-सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिशत अंश में विगत एक दशक में कमी आई है।
* तेल क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र न्यायिक प्रणाली का तथा शासकीय एवं सार्वजनिक संस्थाओं आदि के सुधारों में से आर्थिक सुधारों के द्वितीय प्रजनन (जेनरेशन)’ में सरकार द्वारा चिह्नित किए गए सुधारों का भाग नहीं है -न्यायिक प्रणाली में सुधार
* वर्ष 1991 की नई आर्थिक नीति में अपनाई गई मुख्य रणनीति थी – उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण
* भारत में आर्थिक उदारीकरण (Economic Liberalisation) शुरू हुआ – औद्योगिक लाइसेंस नीति में वास्तविक बदलाव के साथ
* भारत की व्यावसायिक संरचना के वर्षों बाद भी लगभग वैसा ही बने रहने का एक कारण है – आर्थिक विकास के लिए कृषि से उद्योग की दिशा में अंतरण के महत्व की जनता को अधिकतर जानकारी नहीं है।
* भारत में अपनाई गई नई आर्थिक नीति के दो घटकों-स्थिरीकरण और संरचनात्मक समायोजन के विषय में सही कथन हैं -संरचनात्मक समायोजन क्रमिक, बहुपद प्रक्रम है, जबकि स्थिरीकरण त्वरित अनुकूलन प्रक्रम है
* भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का अग्रदूत (पायनियर) कहा जाता है – डॉ. मनमोहन सिंह को
सतत आर्थिक विकास
* धारणीय विकास, भावी पीढ़ियों के अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के सामर्थ्य से समझौता किए बगैर, वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस परिप्रेक्ष्य में धारणीय विकास का सिद्धांत स्वाभाविक रूप से जुड़ा हुआ है – धारण क्षमता के साथ
* सतत विकास का आधार है -पर्यावरणीय दृष्टिकोण सतत आर्थिक विकास का अभिप्राय है- वर्तमान पीढ़ी के विकास के साथ-साथ भविष्य का आर्थिक विकास
* स्थायी विकास अंतर-पीढ़ीगत संवेदनशीलता की घटना है – प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के संदर्भ में
* मानव पूंजी में बढ़ता हुआ विनियोग अग्रसारित करता है -कुशलता में विकास
* समावेशी संवृद्धि के लिए आवश्यक हैं-अधोसंरचनात्मक सुविधाओं का विकास, कृषि का पुनरुद्धार तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी सामाजिक सेवाओं की अधिकाधिक उपलब्धता
* राष्ट्रीय आय की ऊंची वृद्धि दर, ग्रामीण विकास, कृषि विकास तथा कृषकों को पर्याप्त साख में से समावेशित विकास को बढ़ाने की आशा नहीं की जाती है -राष्ट्रीय आय की ऊंची वृद्धि दर से
* आर्थिक सर्वेक्षण में पहली बार ‘धारणीय विकास और जलवायु परिवर्तन’ का नवीन अध्याय जोड़ा गया था – वर्ष 2011-12 में
* मूलत: समावेशी शासन के अंग कहे जा सकते हैं — सभी जिलों में प्रभावी जिला समितियां संगठित करना, जन स्वास्थ्य पर सरकारी व्यय में बढ़ोत्तरी करना तथा दोपहर का भोजन योजना का सशक्तीकरण करना
* समावेशी शासन से तात्पर्य है कि -समाज के सभी वर्गों को समान रूप से शासन के द्वारा प्रदत्त सुविधाएं प्रदान की जाएं।
* आर्थिक विकास से संबद्ध जनाकिकीय संक्रमण की विशिष्ट अवस्थाओं का सही क्रम है – उच्च मृत्यु दर के साथ उच्च जन्म-दर, निम्न मृत्यु-दर के साथ उच्च जन्म-दर तथा निम्न मृत्यु दर के साथ निम्न जन्म-दर
National Income and Economic Development
* The most appropriate measure of economic growth of a country is – Real income per capita
* The standard of living in a country is reflected by – Per capita income
* Gross National Product (GNP) is – Value measure of national product
* National income of a country for a given period – will be equal to the monetary value of final goods and services produced in an economy in a particular time period
* Statement (A): Economic development requires a multidimensional approach.
*Reason (R): The present Indian government is mainly focusing on microeconomic issues.
– (A) is correct, but (R) is wrong.
* Mixed economy means – where private sector as well as public sector exists in the national economy
* The main feature of Indian economy is – Mixed economy
* Planned economy in India is based on – Mixed economy
* It would be true to define India – as a labour surplus economy
* The Indian economy is characterized by – dominance of agriculture, low per capita income and large unemployment
* Non-economic elements in the growth of the country are – social factor, religious factor, political factor, international factor and scientific factor etc.
* The highest growth rate of India’s per capita income at constant prices during the period 1951-52 to 2015-16 was in the year 2007-08
* The Indian economy has achieved the highest growth rate in the year 2006-07 (9.6%)
* The descending order of states on the basis of per capita income in the year 2015-16 is – Maharashtra > Gujarat > Punjab > Uttar Pradesh
* The descending order of the states of Gujarat, Karnataka, Maharashtra and Tamil Nadu in terms of their per capita Net State Domestic Product in the year 2015-16 is – Maharashtra > Karnataka > Gujarat > Tamil Nadu
* At present, the lowest per capita income among the states of India is – Bihar
* At present, the highest average per capita income among the Indian states is – Goa
* At present, the highest average per capita income among Karnataka, West Bengal, Gujarat and Haryana is – Haryana
* Statement (A) : Although In the period after 1947, India’s national income has increased manifold, but there has been no visible improvement in the per capita income level.
Reason (R): A large part of the Indian population is still living below the poverty line. —(A) is wrong, but (R) is correct.
* In India, rural income is usually less than urban income. The reasons responsible for this are – illiteracy of farmers, negligible knowledge of scientific agriculture, low price of primary products compared to manufactured products and less investment in agriculture compared to industries.
* The rate of growth of per capita income in India is slow. The main reason for this is – high capital output ratio, high rate of population growth etc.
* The reasons for low per capita income in Uttar Pradesh include – rapidly increasing population, lack of courage and inadequate infrastructure facilities etc.
* Economic growth in a country will necessarily happen, if there is – capital formation in that country
* Despite the high rate of savings and capital formation in India, the reason for the low growth rate is – high capital-output ratio
* One of the characteristics of the Indian economy is not low efficiency of labor, low per capita income, low rate of capital formation and lack of natural resources – lack of natural resources
* Indian economic growth rate in the financial year 2017-18 is about – 6.5 percent
* According to the latest data available till August, 2018, India’s economic growth rate in the year 2018-2019 is – 7.4 percent
* The main reasons responsible for the slow growth in India’s per capita real income (Per Capita Income) are – rapid increase in population Growth, huge increase in prices along with slow pace in development of agriculture and industrial sectors
* In an open economy, the national income (Y) of the economy is – C+I+G+(X-M)
* According to the monetary policy of August 2018 of Reserve Bank of India, the growth rate in 2018-19 is likely to be – 7.4 percent
* According to Asian Development Report- 2018, India’s growth rate in the year 2017 was – 6.6 percent
* If both prices and monetary income double in a given time period, then real income will remain unchanged
* The growth rate of per capita income at current prices is relatively higher than the growth rate of per capita income at constant prices, because the growth rate of per capita income at constant prices takes into account – the growth rate of inflation
* In 1867-68, the per capita income in India was Rs 20, this First determined by – Dadabhai Naoroji
* The first measurement of India’s national income was done by – Dadabhai Naoroji
* The chairman of the National Income Committee appointed by the Government of India in the year 1949 was – PC Mahalanobis
* The national income data in India is estimated by – Central Statistical Organization (CSO)
* The work of collecting data of capital formation in India is done by – Reserve Bank of India and Central Statistical Organization
* In the new GDP data, the base year has been changed from 2004-05 to – Year 2011-2012
* At present (since 2015) the base year for estimating India’s national income is – Year 2011-12
* Economic Survey of India is published officially every year by- -Ministry of Finance, Government of India
* Theoretically, if economic development is imagined, then the following are taken into consideration – growth in GDP, growth in Gross National Product and growth in Gross National Product per capita
* The average rate of domestic savings (gross) for the Indian economy is currently estimated to be around 30 to 40 percent
* India’s Gross Domestic Saving Rate in 2015-16 – 32.3 percent of GDP
* The largest share of domestic savings in India is of -Household Sector
* The largest contributor to savings in India is -Physical Assets
Savings in India arise from the following four major sectors. In India, the contribution of sectors in gross domestic savings in descending order is 1. Households, 2. Private Corporate Sector, 3. Public Corporations and Other Public Sector Undertakings and 4. Government Sectors. -Household sector, private corporate sector and public corporation/public enterprises and government sector
* The following statement is related to Amartya Sen’s suggestions about the Indian economy -It should be people-oriented, there should be economic security for the poorest person. There should be national defense along with their integration into the world economy.
*The view that “In future Indian planning, more attention should be paid to individuals than to goods” was expressed by – Amartya Sen
* Hindu growth rate is related to – National Income
*Out of deflation, inflation with stagflation and hyperinflation, economic growth is generally coupled with – Inflation
* The reason for low labour share in GNP (Gross National Product) is – Lower wages than prices
* The correct match is:–
Economic development – Structural change
Economic growth – Gross domestic product
Sustainable development Environment
Quality of life – Health
* The economy of India is – Developing
* Indian economy can be described as – A developing economy
* The correct statement is – The percentage share of public sector in Gross Domestic Product (GDP) has decreased in the last decade.
* Among the reforms in oil sector, public sector, judicial system and government and public institutions etc., which of the following are the reforms identified by the government in the ‘second generation’ of economic reforms? Which of the following is not a part of the reforms adopted – Reforms in the judicial system
* The main strategy adopted in the new economic policy of 1991 was – Liberalisation, privatisation and globalisation
* Economic liberalisation in India began with a substantial change in the industrial licensing policy
* One reason why India’s occupational structure has remained almost the same even after years is that most people are not aware of the importance of the shift from agriculture to industry for economic development.
* The correct statements about the two components of the new economic policy adopted in India – stabilisation and structural adjustment are – Structural adjustment is a gradual, multinomial process, while stabilisation is a rapid adaptation process
* Dr. Manmohan Singh is called the pioneer of liberalisation of the Indian economy
Sustainable economic development
* Sustainable development meets the needs of the present without compromising the ability of future generations to meet their needs. In this perspective, the principle of sustainable development is naturally linked with carrying capacity
* The basis of sustainable development is – environmental approach Sustainable economic development means – development of future along with the development of the present generation
* Sustainable development is a phenomenon of inter-generational sensitivity – in the context of the use of natural resources
* Increasing investment in human capital leads to – development in skills
* The essentials for inclusive growth are – development of infrastructural facilities, revival of agriculture and greater availability of social services like education and health
* High growth rate of national income, rural development, agricultural development and adequate credit to farmers are not expected to enhance inclusive development – high growth rate of national income
* For the first time in the Economic Survey, a new chapter on ‘Sustainable Development and Climate Change’ was added – in the year 2011-12
* Basically, the parts of inclusive governance can be called – organizing effective district committees in all districts, increasing government expenditure on public health and strengthening the mid-day meal scheme
* Inclusive governance means that all sections of society should be provided the facilities provided by the government equally.
* The correct order of the specific stages of demographic transition related to economic development is – high birth rate with high death rate, high birth rate with low death rate and low birth rate with low death rate