आज के महत्वपूर्ण सामन्य ज्ञान में संविधान निर्माण से संबंधित जानकारियाँ पढ़े (पार्ट 1 ) – Read information related to constitution making in today’s important general knowledge (Part 1 )
संविधान निर्माण के लिये संविधान सभा (Constituent Assembly) की माँग
- सर्वप्रथम संविधान सभा (Constituent Assembly) के लिये लोकमान्य तिलक ने 1895 ई. में स्वराज विधेयक के माध्यम से किया जो अप्रभावी रहा।
- महात्मा गाँधी ने स्पष्ट शब्दों में 1922 ई. में कहा कि भारतीय संविधान (Indian Constitution) भारतीयों की इच्छानुसार ही होगा।
- सर्वप्रथम औपचारिक रूप से एम.एन.राय ने संविधान सभा (Constituent Assembly) के विचार का प्रतिपादन किया, जिसे लोकप्रिय मूर्तरूप प्रदान किया गया (जवाहर लाल नेहरू द्वारा सन् 1936, 1937, 1938 के मग्रिरू अधिवेशन में)।
- पहली बार ब्रिटिश सरकार ने सन् 1940 में स्वीकारा की भारतीय संविधान (Indian Constitution) संभावतः भारतीय ही तैयार करेंगे।
- क्रिप्श मिशन सन् 1942 ने संविधान निर्माण हेतु संविधान सभा (Constituent Assembly) के गठन की बात कही किन्तु उसे स्वीकार नहीं किया गया।
- कैबिनेट मिशन भारत आगमन – (सन् 23 मार्च 1946 ई.)
≫ ≫ (अध्यक्ष) पैथिकलोरेन्स ≫ ≫ (सहायक) ए.वी. अलेक्जेण्डर, स्टैफर्ड क्रिप्स
रिपोर्ट (Report)
भारतीय संविधान (Indian Constitutions) निर्माण हेतु एक संविधान सभा (Established Constituent Assembly) का गठन किया जाए, जिसमें 389 सदस्य होंगे।
- अन्तरिम सरकार का गठन – सितम्बर, 1946
- कार्यकारी परिषद सदस्य – 14
- सभापति – लार्ड माउण्टबेटन
- उपसभापति – जवाहर लाल नेहरू
संविधान सभा के दो कार्य
- संविधान का निर्माण।
- संविधान का निर्माण। जब तक संसद का गठन न हो जाए, तब तक संसद के रूप में कार्य करना।
संविधान सभा के सदस्य (कुल 389)
- 292 ब्रिटिश (भारत प्रान्त के)
- 93 (देशी रियायतों से) Constituent Assembly
- 04 मुख्य आयुक्त प्रान्तों से [दिल्ली, कुर्ग, अजमेर (माखाड़), बलुचिस्तान]
प्रान्तों को ए > बी > सी ग्रुप में विभाजित किया गया।
- ‘A’ ग्रुप – हिन्दु बाहुल्य प्रान्त
‘B’ ग्रुप – मुस्लिम बहुल्य प्रान्त
‘C’ ग्रुप – बंगाल व असम को रखा गया - संविधान सभा के सदस्यों का निर्वाचन प्रान्तीय विधानसभा के सदस्यों के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया जाना था। जबकि देशी रियायतों में प्रतिनिधियों के चयन की पहति परामर्श से तय की जानी थी।
- निर्वाचन में कांग्रेस को 208, लीग को 73 स्थान मिले।
- संविधान सभा की प्रथम बैठक डाॅ. सच्चिदानंद सिंहा की अस्थायी अध्यक्षता (Temporary Chairman) में दिसम्बर 1946 ई. में हुई, जिसमें मुस्लिम लीग शामिल नहीं हुआ।
- 11 दिसम्बर, 1946 को डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्षता में इसकी बैठक हुई, जिसमें लीग शामिल हुआ।
- गतिरोध उत्पन्न होने पर (मुस्लिम लीग द्वारा अलग संविधान सभा के गठन की मांग पाकिस्तान के लिये करने पर) उसे दूर करने के लिये संविधान सभा का पुर्नगठन किया गया।
6 नवम्बर, 1949 को 299 सदस्यों में से 284 सदस्य उपस्थित थे और उन्होंने संविधान पर हस्ताक्षर किया और आंशिक रूप से संविधान को लागू कर दिया गया।
- संविधान का निर्माण – 26 नवम्बर, 1949
- संविधान लागू हुआ – 26 जनवरी, 1950
- संविधान पर पहला हस्ताक्षर – डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद
प्रारूप समिति (Drafting Committee) –
इसमें 06 सदस्य शामिल थे (डाॅ. भीमराव अम्बेडकर, अध्यक्ष के अलावा)
प्रारूप समिति 06 सदस्यों के नाम –
- अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर
- एन.गोपाल स्वामी आयंगर
- डी.पी. खेतान (सन् 1948 में मृत्यु के बाद टी.टी. कृष्णमाचारी)
- कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
- एन.माधव राव (बी.एल. मिश्र के स्थान पर)
- सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला
इसका गठन 26 अगस्त, 1947 में हुआ।
- रिपोर्ट फरवरी 1948 को दिया।
- भारतीय संविधान के भाग और उनमें दिये गये विषय | Constitution Parts and Subject
- मूल संविधान में 22 भाग, 08 अनुसूचियाँ, 293 अनुच्छेद थे, किन्तु इस समय 22 भाग, 12 अनुसूचियाँ और विभिन्न संविधान संसोधान के द्वारा अनेक अनुच्छेदों को जोड़ा गया।
- जिससे इसकी संख्या बढ़कर वर्तमान में लगभग 445 अनुच्छेद से भी ज्यादा हो गई है।
भारतीय संविधान के प्रमुख भाग एवं उनसे संबंधित विषय निम्नानुसार है:-
भाग (Part) संविधान विषय
भाग 1 संघ और उसका राज्य क्षेत्र
भाग 2 नागरिकता
भाग 3 मूल अधिकार
भाग 4 राज्य के नीति निदेशक तत्व
भाग 4(क) मूल कत्र्तव्य, इसे 42 वें संविधान संसोधान संविधान
भाग 5 संघ की कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका
भाग 6 राज्य की कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका
भाग 7 पहली अनुसूची के भाग ‘क‘ के राज्य, इसे 7वाँ संविधान संसोधान अधिनियम सन् 1956 के द्वारा निकाल दिया गया
भाग 8 संघ राज्य क्षेत्र
भाग 9 पंचायतें इसे 73वाँ संविधान संसोधान अधिनियम 1992 के द्वारा जोड़ा गया
भाग 9(क) नगर पालिका, इसे संविधान संसोधान अधिनियम 1992 के द्वारा जोड़ा गया
भाग 10 अनुसूचित जाति व जनजाति क्षेत्र
भाग 11 संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध (विधायी, प्रशासनिक व वित्तीय)
भाग 12 वित्त, सम्पति, संविदाएँ और वाद
भाग 13 भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापक वाणिज्य और समागम
भाग 14 संघ व राज्यों के अधीन सेवाएँ शामिल
भाग 14(क) अधिकरण (प्रशासनिक) 42वाँ संविधान (संशोधन 1976 के द्वारा शामिल)
भाग 15 निर्वाचन
भाग 16 कुछ वर्गो के संबंध में विशेष उपबन्ध (पिछड़े वर्गो, अनूसूचित जाति, जनजाति, एग्लो इण्डियन समुदाय)
भाग 17 राजभाषा (संघ और प्रादेशिक भाषाएँ)
भाग 18 आपात उपबन्ध (352-356-360)
भाग 19 प्रकीर्ण
भाग 20 संविधान संशोधन
भाग 21 अस्थायी संक्रमण कालीन और विशेष उपबन्ध
भाग 22 संक्षिप्त नाम प्रारम्भ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ
- 15 अगस्त, 1947 को ‘Day of Destiny (नियत दिन)‘ कहा गया।
- संविधान 26 नवम्बर, 1949 को बना, किन्तु इसे पूर्ण रूप से लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया।
- 26 जनवरी, 1950 को ‘प्रारम्भ की तारिख‘ कहा गया।
- 26 जनवरी, 1930 को ‘प्रथम स्वतंन्त्रता दिवस‘ रावी नदी के तट पर तिरंगा लहराकर मनाया गया था इसलिये संविधान को 26 जनवरी को पूर्णतः लागु करने की तिथि घोषित की गई।
Demand for Constituent Assembly for Constitution making
For the first time Lokmanya Tilak demanded for Constituent Assembly through Swaraj Bill in 1895 which was ineffective.
Mahatma Gandhi clearly stated in 1922 that Indian Constitution will be as per the wishes of Indians.
For the first time M.N. Roy formally presented the idea of Constituent Assembly which was given a popular form (by Jawaharlal Nehru in the Magriu session of 1936, 1937, 1938).
For the first time the British government accepted in 1940 that Indian Constitution will probably be prepared by Indians.
Cripsh Mission in 1942 talked about formation of Constituent Assembly for constitution making but it was not accepted.
Cabinet Mission Arrival in India – (23 March 1946)
≫ ≫ (President) Pathiklorence ≫ ≫ (Assistant) A.V. Alexander, Stafford Cripps
Report
For the formation of the Indian Constitution, an established Constituent Assembly should be formed, which will have 389 members.
Formation of Interim Government – September, 1946
Executive Council Members – 14
Chairman – Lord MountbattenDeputy Chairman – Jawaharlal Nehru
Two functions of the Constituent Assembly
Making of the Constitution.
Making of the Constitution. To function as the Parliament until the Parliament is formed.
Members of Constituent Assembly (Total 389)
292 British (from Indian provinces)
93 (from native states)
04 from Chief Commissioner Provinces [Delhi, Coorg, Ajmer (Makhad), Baluchistan]
Provinces were divided into A > B > C groups.
‘A’ Group – Hindu majority provinces
‘B’ Group – Muslim majority provinces
‘C’ Group – Bengal and Assam were kept
Election of members of Constituent Assembly was to be done indirectly by the members of Provincial Assembly. Whereas the process of selection of representatives in native states was to be decided by consultation.
In the election, Congress got 208 seats and League got 73 seats.
The first meeting of Constituent Assembly was held in December 1946 under the temporary chairmanship of Dr. Sachchidanand Sinha, in which Muslim League did not participate.
On 11 December 1946, Dr. Its meeting was held under the permanent chairmanship of Rajendra Prasad, in which the League participated.
When a deadlock arose (when the Muslim League demanded the formation of a separate Constituent Assembly for Pakistan), the Constituent Assembly was reorganized to remove it.
On November 6, 1949, 284 out of 299 members were present and they signed the Constitution and the Constitution was partially implemented.
Making of the Constitution – November 26, 1949
The Constitution came into force – January 26, 1950
First signature on the Constitution – Dr. Rajendra Prasad
Drafting Committee –
It included 06 members (apart from Dr. Bhimrao Ambedkar, the Chairman)
Names of 06 members of the Drafting Committee –
Alladi Krishna Swami Iyer
N. Gopal Swami Iyengar
D.P. Khaitan (T.T. Krishnamachari after his death in 1948)
Kanhaiyalal Maniklal Munshi
N.Madhav Rao (in place of B.L. Mishra)
Syed Mohammad Sadulla
It was formed on 26 August 1947.
The report was given in February 1948.
Parts of the Indian Constitution and the subjects given in them
The original constitution had 22 parts, 08 schedules, 293 articles, but at this time 22 parts, 12 schedules and many articles were added through various constitutional amendments.
Due to which its number has increased to more than 445 articles at present.
The main parts of the Indian Constitution and their related subjects are as follows:-
Part Constitution Subject
Part 1 Union and its territory
Part 2 Citizenship
Part 3 Fundamental rights
Part 4 Directive Principles of State Policy
Part 4 (A) Fundamental Duties, it was added by the 42nd Constitutional Amendment Constitution
Part 5 Union Executive, Legislature, Judiciary
Part 6 State Executive, Legislature, Judiciary
Part 7 States of Part ‘A’ of the First Schedule, it was removed by the 7th Constitutional Amendment Act 1956
Part 8 Union Territories
Part 9 Panchayats, it was added by the 73rd Constitutional Amendment Act 1992
Part 9 (A) Municipality, it was added by the Constitutional Amendment Act 1992
Part 10 Scheduled Caste and Scheduled Tribe Areas
Part 11 Relations between the Union and the States (Legislative, Administrative and Financial)
Part 12 Finance, Property, Contracts and Suits
Part 13 India Widespread commerce and intercourse within the territory of the Union
Part 14 Services under the Union and the States
Part 14(A) Tribunals (Administrative) 42nd Constitution (Inserted by Amendment 1976)
Part 15 Elections
Part 16 Special provisions in respect of certain classes (Backward classes, Scheduled Castes, Scheduled Tribes, Anglo-Indian communities)
Part 17 Official Language (Union and Regional Languages)
Part 18 Emergency provisions (352-356-360)
Part 19 Miscellaneous
Part 20 Constitutional Amendments
Part 21 Temporary Transitional and Special Provisions
Part 22 Short title Commencement, Authoritative text in Hindi15 August 1947 was called the ‘Day of Destiny’.
The Constitution was made on 26 November 1949, but it was fully implemented on 26 January 1950. 26 January 1950 was declared as the ‘start date’.The ‘First Independence Day’ was celebrated on 26 January 1930 by hoisting the tricolour on the banks of the river Ravi, hence 26 January was declared as the date for full implementation of the Constitution.